
नकली दवा कैसे पहचानें: 2025 में असली-नकली की तेज़ जांच गाइड
60 सेकंड में दवा की असलियत जांचें: पैकेजिंग, QR कोड, कीमत, बैच नंबर, असर और साइड-इफेक्ट्स से नकली दवा पहचानें। 2025 के भारत-विशेष नियम, ऐप्स और रिपोर्टिंग तरीके।
अगर आपने कभी दवाई लेते समय असहज महसूस किया, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में दवा की सुरक्षा का देख‑रेख सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) करता है। उनका काम सिर्फ दवाइयों को मंजूरी देना नहीं, बल्कि उनके उपयोग के बाद उत्पन्न होने वाले साइड इफेक्ट्स (ADR) को फॉलो‑अप करना भी है। इस प्रक्रिया को CDSCO रिपोर्टिंग कहते हैं।
जब कोई मरीज या डॉक्टर दवाई के अनपेक्षित प्रभाव देखता है, तो वह जानकारी CDSCO को भेज सकता है। यह रिपोर्ट साइड इफेक्ट, एलर्जी, या दवा‑ड्रग इंटरैक्शन जैसी समस्याओं को दर्ज करती है। ऐसी रिपोर्टें दवा की सुरक्षा प्रोफ़ाइल को अपडेट करने, नए चेतावनी लेबल लगाने, या कभी‑कभी दवा को बाजार से हटाने में मदद करती हैं। आपके छोटे से फीडबैक से लाखों लोगों की जिंदगी बच सकती है।
1. ऑनलाइन पोर्टल खोलें – CDSCO की आधिकारिक वेबसाइट पर “रिपोर्ट ADR” सेक्शन होता है। मोबाइल से भी यही काम चल जाता है।
2. फॉर्म भरें – फॉर्म में आपको दवा का नाम, बैच नंबर, अनुमानित तारीख, और साइड इफेक्ट का विवरण लिखना होता है। जितना सटीक जानकारी देंगे, उतना ही जल्दी एक्सपर्ट टीम विश्लेषण कर पाएगी।
3. डॉक्यूमेंट अपलोड करें – अगर आपके पास लैब रिपोर्ट, डॉक्टर की लिखी नोट्स, या फोटो है, तो उसे जोड़ें। ये सबूत समस्या को समझने में काफी मदद करते हैं।
4. संपर्क जानकारी दे – नाम, फोन, ई‑मेल वैकल्पिक है, पर अगर टीम को आगे पूछ‑ताछ करनी पड़े तो आसान रहेगा। आपका डेटा गोपनीय रहेगा, बस सुरक्षा के नाम पर इस्तेमाल होगा।
5. सबमिट और कन्फर्मेशन रखें – सबमिट करने के बाद आपको एक रेफरेंस नंबर मिलेगा। इस नंबर को सुरक्षित रखें; अगर बाद में फॉलो‑अप चाहिए तो इसे बताना पड़ेगा।
अगर इंटरनेट नहीं है, तो आप निकटतम “रिपोर्टिंग फॉर्म” वाले दवा स्टोर या अस्पताल से फॉर्म ले कर भर सकते हैं और पर लगे हुए पता पर डाक से भेज सकते हैं।
**रिपोर्टिंग के टॉप टिप्स**
एक बार रिपोर्ट भेजी जाए, तो CDSCO की टीम इसे क्लासीफाई करती है – “सहज”, “संभावित”, “गंभीर” आदि। यह वर्गीकरण भविष्य में दवा लेबल पर जेह रीस्पेट़ेड नोट्स या डोज़ एडेजस्टमेंट के रूप में दिखता है।
आपकी छोटी सी पहल से दवा कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी बेहतर बनाने का मौका मिलता है। इसलिए अगली बार अगर दवाई से कोई अनचाहा असर महसूस हो, तो तुरंत CDSCO को रिपोर्ट करें। आपकी आवाज़ दवा सुरक्षा की गली में एक बड़ा कदम है।
60 सेकंड में दवा की असलियत जांचें: पैकेजिंग, QR कोड, कीमत, बैच नंबर, असर और साइड-इफेक्ट्स से नकली दवा पहचानें। 2025 के भारत-विशेष नियम, ऐप्स और रिपोर्टिंग तरीके।