
नकली दवा कैसे पहचानें: 2025 में असली-नकली की तेज़ जांच गाइड
60 सेकंड में दवा की असलियत जांचें: पैकेजिंग, QR कोड, कीमत, बैच नंबर, असर और साइड-इफेक्ट्स से नकली दवा पहचानें। 2025 के भारत-विशेष नियम, ऐप्स और रिपोर्टिंग तरीके।
हर दिन हमें सैकड़ों दवाएं मिलती हैं, पर क्या आपने कभी सोचा है कि उनमें से कुछ नकली हो सकती है? नकली दवाएँ सिर्फ एक आर्थिक धोखा नहीं, बल्कि आपके स्वास्थ्य को सीधे खतरे में डाल सकती हैं। इस लेख में हम बताएंगे कि नकली दवा कैसे पहचानें और भरोसेमंद फ़ार्मेसी से दवा कैसे खरीदें। पढ़िए, ताकि आप अपनी या अपने परिवार की सुरक्षा कर सकें।
पहली बात, पैकेजिंग पर ध्यान दें। असली कंपनियों की बॉक्स पर साफ़ प्रिंट, दोबारा छपाई नहीं, और बारकोड सही दिखते हैं। अगर पैकेज पर धुंधले या गड़बड़ अक्षर हों, तो यह एक अलर्ट सिग्नल है। दूसरा, दवा की गोली या टैबलेट का रंग, आकार, और बनावट समान नहीं हो सकती। अगर दवा मुलायम, घिसी हुई या बहुत नर्म लगती है, तो यह नकली हो सकती है।
तीसरा, कीमत पर भी नज़र रखें। बहुत कम कीमत पर दवा मिलने पर सतर्क रहें, खासकर अगर वह ब्रांडेड दवा है। असली दवाएँ उत्पादन, पैकेजिंग और गुणवत्ता पर खर्च करती हैं, इसलिए अत्यधिक डिस्काउंट अक्सर झूठा प्रचार होता है। चौथा, बिक्री की जगह देखिए। अनधिकृत ऑनलाइन स्टोर या छोटे कियॉस्के अक्सर नकली दवाओं का केन्द्र होते हैं। अगर आप फ़ार्मेसी के बाहर से दवा खरीदते हैं, तो उस फ़ार्मेसी का लाइसेंस और प्रमाणपत्र जांचना न भूलें।
सबसे पहला कदम है लाइसेंस देखना। हर वैध फ़ार्मेसी के पास सरकारी पहचान पत्र (ड्रग लाइसेंस) होना चाहिए। यह आमतौर पर दुकान के दरवाजे पर दिखता है। दूसरा, फ़ार्मासिस्ट से बात करें। एक प्रोफ़ेशनल फ़ार्मासिस्ट दवा की सही जानकारी देगा और अगर दवा में कोई संदेह हो तो सतर्क करेगा।
तीसरा, रसीद रखें। रसीद में दवा का नाम, बैच नंबर, वैधीकरण तिथि और निर्माता की जानकारी होनी चाहिए। अगर रसीद नहीं मिलती या जानकारी अधूरी है, तो फ़ार्मेसी से दूर रहना बेहतर है। चौथा, ऑनलाइन फ़ार्मेसी चुनते समय “HTTPS” और भरोसेमंद रेटिंग देखें। कई सरकारी पोर्टल और हेल्थ एग्रीमेंट साइट्स प्रमाणित फ़ार्मेसियों की लिस्ट देती हैं।
अंत में, अगर आप दवा लेकर घर आएँ और कोई असामान्य साइड इफ़ेक्ट या गंध महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और दवा को वापिस न करें। यह छोटी सी सावधानी बड़ा नुकसान रोक सकती है।
नकली दवाओं से बचना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ा ध्यान और सही जानकारी चाहिए। ऊपर बताए गए संकेतों को याद रखें, भरोसेमंद फ़ार्मेसियों से ही खरीदें, और स्वास्थ्यसुरक्षा के टिप्स को फॉलो करके अपने और अपने परिवार का स्वास्थ्य सुरक्षित रखें।
60 सेकंड में दवा की असलियत जांचें: पैकेजिंग, QR कोड, कीमत, बैच नंबर, असर और साइड-इफेक्ट्स से नकली दवा पहचानें। 2025 के भारत-विशेष नियम, ऐप्स और रिपोर्टिंग तरीके।