डायपर बदलने का सही समय और आसान टिप्स
बच्चों की देखभाल में डायपर बदलना एक अहम हिस्सा है। सही वक्त पर डायपर बदलना न सिर्फ बच्चे को आराम देता है बल्कि उसे सूजन या संक्रमण से भी बचाता है। क्या आप जानते हैं कि कब और कैसे डायपर बदलना सबसे बेहतर रहता है? चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
डायपर कब बदलना जरूरी है?
डायपर बदलने के लिए सबसे अच्छा समय तब होता है जब डायपर गीला या गंदा हो। इसे देर तक बदल न पाना बच्चे की त्वचा को खराब कर सकता है और रुसी, लाल चकत्ते या खुजली जैसी समस्याएँ बढ़ा सकता है।
कुछ माता-पिता पूछते हैं, "क्या हर दो-तीन घंटे में डायपर बदलना चाहिए?" हां, सामान्यतः बच्चों के लिए हर 2-3 घंटे में डायपर बदलना ठीक रहता है। खासकर नवजात शिशु के मामले में, क्योंकि वह जल्दी गीले या गंदे हो सकते हैं।
खास बात यह है कि सोते समय भी अगर डायपर गीला हो जाए तो उसे तुरंत बदल दिया जाना चाहिए। बच्चे की त्वचा लंबे समय तक नमी में रहने से जलन और फफोले हो सकते हैं।
डायपर बदलने का सही तरीका
डायपर बदलते वक्त ध्यान रखें कि बच्चे को आरामदायक जगह पर रखें और हाथ अच्छे से धोएं। पुराने डायपर को ध्यान से हटाएं और बच्चे की त्वचा को मुलायम टिशू या गीले वाइप्स से साफ करें।
त्वचा अच्छी तरह सूखाने के बाद नया डायपर लगाएं। कोशिश करें कि डायपर बहुत टाइट न हो ताकि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत न हो। और हां, डायपर सही साइज़ का होना भी जरूरी है।
डायपर लगाने से पहले त्वचा पर बेबी पाउडर या क्रीम लगाने से भी ज़्यादा फायदा हो सकता है, खासकर अगर बच्चा स्किन इरिटेशन से परेशान हो। पर बिना डॉक्टर की सलाह के ज्यादा केमिकल वाले प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से बचें।
स्वस्थ डायपर लगाना और समय-समय पर बदलना बच्चे की त्वचा की सुरक्षा में बड़ा योगदान देता है। इससे बच्चे का मूड भी अच्छा रहता है और माता-पिता का तनाव कम होता है।
तो अगली बार जब आपको लगे कि डायपर बदलने का समय हो गया है, तो इसे जल्द करना न भूलें। यह छोटे-छोटे कदम आपके बच्चे की सेहत और आराम के लिए बहुत जरूरी हैं।