
नकली दवा कैसे पहचानें: 2025 में असली-नकली की तेज़ जांच गाइड
60 सेकंड में दवा की असलियत जांचें: पैकेजिंग, QR कोड, कीमत, बैच नंबर, असर और साइड-इफेक्ट्स से नकली दवा पहचानें। 2025 के भारत-विशेष नियम, ऐप्स और रिपोर्टिंग तरीके।
आजकल दवाओं पर QR कोड लगा दिया जाता है, लेकिन सभी को पता नहीं कि इसे कैसे पढ़ना है। अगर आप कभी दवा खरीदते समय संकोच महसूस करते हैं, तो यह गाइड मदद करेगा। सिर्फ कुछ सेकंड में आप दवा की वैधता, निर्माता और बैच नंबर जाँच सकते हैं।
पहला कदम – अपने स्मार्टफ़ोन में कोई भरोसेमंद QR स्कैनर ऐप खोलें। कई फ़ोन में ही बिल्ट‑इन स्कैनर होता है, इसलिए अतिरिक्त ऐप डाउनलोड की जरूरत नहीं। दवा के बॉक्स या पैकेज पर स्थित कोड को कैमरे से टार्गेट करें, स्क्रीन पर दिखने वाला लिंक या टेक्स्ट पढ़ें। अगर लिंक सरकारी पोर्टल या प्रमाणित डाटाबेस से जुड़ा है, तो दवा की प्रामाणिकता की पुष्टि मिलती है।
दूसरा कदम – QR कोड में दिखाए गए विवरण को नोट करें। यहाँ आमतौर पर उत्पादन तिथि, समाप्ति तिथि, बैच संख्या और निर्माताकर्ता का नाम रहता है। यदि कोई डेटा गायब है या लिंक टुटा हुआ दिखता है, तो दवा के फर्जी होने की शक बढ़ती है।
फर्जी दवाएँ बाजार में काफ़ी बढ़ रही हैं, और अक्सर सही दवा के बजाए नकली दवाओं की रसीद मिलती है। ऐसे में फ़र्जी दवा लेने से स्वास्थ्य को बड़ी हानि हो सकती है, जैसे कि दुष्प्रभाव या इलाज का असर नहीं होना। QR कोड एक भरोसेमंद डिजिटल सिग्नेचर देता है, जिससे आप तुरंत ही पता लगा सकते हैं कि दवा आधिकारिक चैनल से आ रही है या नहीं।
तीसरा कदम – अगर आप QR कोड स्कैन कर रहे हैं और कोई एरर या संदिग्ध पेज मिलता है, तो तुरंत दवा को वापस कर दें या फ़ार्मेसिया से संपर्क करें। कई बार दवा के स्टॉक को रिटर्न करने के बाद भी निर्माता एक नई वैध कोड जारी कर देता है।
वास्तव में, QR कोड वेरिफिकेशन सिर्फ एक तकनीकी चीज़ नहीं, बल्कि आपका खुद का सुरक्षा कवच है। इसे हर बार दवा खरीदते समय अपनाने से आप न केवल खुद को, बल्कि अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकते हैं।
अंत में, याद रखें – यदि आपका फोन QR कोड नहीं पढ़ रहा, तो आप सीधे लेबल पर लिखे बैच नंबर को फ़ार्मेसिया की वेबसाइट पर डालकर भी जांच सकते हैं। डिजिटल और मैन्युअल दोनों तरीके मिलकर दवा की विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं।
अब समय है कि आप इस सरल प्रक्रिया को अपनी रोज़मर्रा की खरीदारी में जोड़ें। स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए – QR कोड वेरिफिकेशन के साथ।
60 सेकंड में दवा की असलियत जांचें: पैकेजिंग, QR कोड, कीमत, बैच नंबर, असर और साइड-इफेक्ट्स से नकली दवा पहचानें। 2025 के भारत-विशेष नियम, ऐप्स और रिपोर्टिंग तरीके।