दिमाग में उथल-पुथल, नींद न आना, बेमतलब की थकान और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना… ये स्ट्रेस के पहचानने वाले टॉप सिम्पटम्स हैं। आपको भी लगता है जैसे दिमाग बिना ब्रेक के भागता जा रहा है? इस रेस में बहुत लोग फंसे हैं। WHO के डेटा के मुताबिक, हर 6 में से 1 भारतीय स्ट्रेस और चिंता से जूझ रहा है। मज़े की बात ये है कि सिर दर्द या बुखार की तरह स्ट्रेस को कोई पैमाना नहीं, पर असर उससे कहीं ज्यादा होता है। स्ट्रेस कम करने के लिए कुछ OTC (ओवर-द-काउंटर) यानी बिना डॉक्टर की पर्ची के मिलने वाली चीजें आपका लाइफ बचा सकती हैं। चलिए जानते हैं कौनसे आसान, सेफ और भरोसेमंद OTC ऑप्शन्स इस भागदौड़ में आपकी मदद कर सकते हैं।
OTC स्ट्रेस रिलीफ: कितना असरदार और क्यूं चुनें?
हर कोई चाहें तो स्ट्रेस मैनेजमेंट के लिए थेरेपी या योग क्लासेज जॉइन कर सकता है, लेकिन सच बोलें तो टाइम और खर्च दोनों मुश्किल है। ऐसे में मजदूरी करते स्टूडेंट्स से लेकर ऑफिस में जद्दोजहद कर रहे प्रोफेशनल्स तक, ज्यादातर लोग आसान और सस्ते ऑप्शन्स ढूंढते हैं। OTC स्ट्रेस रिलीवर्स में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले सामान में हर्बल सप्लीमेंट्स, मल्टीविटामिन्स, कैफीन-फ्री टी, और सेफ पेन किलर्स शामिल हैं।
रिसर्च कहती है, OTC मेडिसिन्स, जैसे एश्वगंधा या वैलेरियन रूट, स्ट्रेस हार्मोन्स को मॉडरेट करके मेंटल री-सेट करने में मदद करते हैं। अश्वगंधा को भारतीय आयुर्वेद में ‘टेंशन भगाओ दवा’ बोला जाता है और 2024 के एक IIT दिल्ली के स्टडी में पाया गया कि नियमित अश्वगंधा लेना सिर्फ दो हफ्तों में कॉर्टिसोल लेवल 33% तक घटा देता है। यही नहीं, OTC वैलेरियन रूट भी अनिद्रा, चिंता और मॉड मूड्स में असरदार है, जबकि चाय-कॉफी की लत पर कंट्रोल करने के लिए कैमोमाइल टी अच्छा ऑप्शन है। बस ध्यान इतना रखना है कि इन दवाओं के साथ खुद का अनुभव भी जरूरी है, क्योंकि उन्हें लेने के बाद हर इंसान का दिमाग अलग तरह से रिएक्ट कर सकता है।
स्ट्रेस भगाने वाली OTC मेडिसिन्स: इनका सही इस्तेमाल कैसे करें?
सीधा सा सवाल उठता है- इतनी सारी OTC दवाओं में से मेरी कौनसी दवाई बेस्ट है? अगर आपके लिए सेफ और असरदार दवा चुननी है तो सबसे पहले अपने स्ट्रेस के चेहरे को पहचानें- क्या आपकी टेंशन से नींद उड़ गई है या लगातार बेचैनी महसूस होती है? OTC फॉर्म में मिलने वाली आम स्ट्रेस रिलीवर्स में अश्वगंधा, ब्राह्मी, कैमोमाइल, सिट्रस एसेंस ऑयल, विटामिन B कॉम्प्लेक्स, मैग्नीशियम, और कुछ मल्टीविटामिन्स ट्रेंडिंग रहे हैं।
आप चाहें तो OTC सप्लीमेंट्स की शुरुआत कम डोज से करें, जैसे – अश्वगंधा (300 mg रोज), कैमोमाइल टी (सोने से पहले 1 कप), या मैग्नीशियम टैबलेट (1 टैब रात में)। हां, ये ध्यान रहे कि अगर एलर्जी, अस्थमा या पहले से मेडिकेशन चल रही है तो कोई भी नयी मेडिसिन बिना डॉक्टर से पूछे मत चालू करें। साथ ही, कोई भी OTC दवा महीने भर से ज्यादा लगातार मत खाएं, नहीं तो इसकी असर और साइड इफेक्ट्स आपके कंट्रोल से बाहर जा सकते हैं। अगर आपका स्ट्रेस काम से रिलेटेड है तो ब्राह्मी, अश्वगंधा और जिंकोबिलोबा मिलाकर ले सकते हैं; जबकि स्लीप न आना है तो कैमोमाइल, लाईमबलसम या वैलेरियन रूट कम्प्लीट नैचुरल तरीका है।
कुछ लोग स्ट्रेस की टेबलेट्स बिना डॉक्टर से सिफारिश के चालू कर देते हैं, मगर FDA की एडवाइजरी है – किसी भी OTC सप्लीमेंट का असर हर शरीर पर एक जैसा नहीं होता, इसलिए अपने शरीर के हिसाब से शुरुआत करें और सूक्ष्म बदलाव पर ध्यान दें।

हर्बल या केमिकल: कौन सा सबसे कूल स्ट्रेस रिलीवर?
अक्सर दिमाग में सवाल आता है कि OTC दवाओं में हरबल ऑप्शन्स ज्यादा सेफ हैं या सिम्पल केमिकल मेडिसिन्स? वैज्ञानिकों का मानना है कि ऑर्गेनिक यानि नेचुरल दवाएं (अश्वगंधा, ब्राह्मी, सेंट जॉन वॉर्ट, कैमोमाइल) अल्पकालिक और हल्के स्ट्रेस के लिए शानदार हैं। नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के पब्लिकेशन के अनुसार, 50% से ज्यादा लोग जो हर्बल सप्लीमेंट्स लेते हैं, उन्हें साइड इफेक्ट्स नहीं महसूस होते।
दूसरी ओर केमिकल बेस्ड OTC प्रोडक्ट्स, जैसे कुछ मिनरल्स या विटामिन के टैबलेट्स, शॉर्ट टर्म फायदेमंद हैं। B12 और मैग्नीशियम की कमी आपके स्ट्रेस फीलिंग्स को तेज कर सकती हैं, और इनकी OTC दवाएं आपके दिमाग में सीधे रिलैक्सिंग संबंधी रिसेप्टर्स पर असर डालती हैं। OTC मल्टीविटामिन्स का सही डोज जहां दिनभर की एनर्जी देता है, वहीं इनमें मौजूद जिंक या आयरन मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे डोपामीन-सेरोटोनिन के बैलेंस को सपोर्ट करता है।
लेकिन कभी भी OTC केमिकल प्रोडक्ट्स की ओवरडोज न करें, नहीं तो सिरदर्द, कब्ज या पेट खराब जैसी परेशानियां हो सकती हैं। हमेशा इन्ग्रेडिएंट्स की लेबल पढ़ लें, कहीं फार्मेसी से ली जा रही हेवी ड्रग्स (जैसे बेनाड्रिल या एंटीहिस्टामिन) धीरे-धीरे स्लीपिंग पिल्स की डिपेंडेंसी बढ़ा सकती है।
OTC प्रोडक्ट | मुख्य तत्व | फायदे | संभावित साइड-इफेक्ट्स |
---|---|---|---|
अश्वगंधा | Withanolides | कॉर्टिसोल कम, नींद बेहतर | डायजेशन गड़बड़, नींद में असामान्यता |
कैमोमाइल टी | एंटी-ऑक्सीडेंट्स | नींद व शांति में सपोर्ट | डाइज़िनेस, एलर्जी (रेयरली) |
मैग्नीशियम टैबलेट्स | मिनरल | मसल रिलैक्स, दिमाग शांत | पेट ढीला, लो बीपी |
वैलेरियन रूट | वालिरेनिक एसिड | नींद व रेस्टलेसनेस कम करें | थकावट, सिरदर्द |
ब्राह्मी | Bacosides | फोकस बढ़ाये, स्ट्रेस कम करें | मतली, पेट दर्द |
स्ट्रेस कंट्रोल करने के होम रेमेडीज और DIY टिप्स
कोई भी OTC दवा तभी तक सही है, जब तक सही लाइफस्टाइल मेंटेन हो। आज की भाग-दौड़ में घर पर मौजूद सिंपल सामान – जैसे तुलसी की पत्तियां, लेमनग्रास, या हल्दी वाला दूध – भी स्ट्रेस कंट्रोल में हेल्प करता है। एक छोटे सर्वे के अनुसार, 73% लोग जो रोजाना 15 मिनट मेडिटेशन करते हैं, उनका स्ट्रेस पॉइंट 30 दिनों में 60% तक गिर जाता है। सुबह-सुबह हल्का वॉक, ज्यादा पानी पीना और हेल्दी ब्रेकफास्ट भी stress ke liye medicine जितना अच्छा असर करता है।
कुछ असरदार घरेलू टिप्स- तुलसी या अश्वगंधा वाली चाय रोजाना पीना, दिन में 2 बार गहरी सांस की प्रैक्टिस करना, मनपसंद म्यूजिक सुनना, नींद के टाइम मोबाइल से 1 घंटा दूर रहना, और रात में हल्का-फुल्का एक्सरसाइज शामिल करें।
- सुबह खुली हवा में 15 मिनट की सैर
- दिन में 2-3 लीटर पानी ज़रूर पिएं
- नींद का रूटीन रखें – रोजाना 7-8 घंटे
- स्ट्रेस अगर ज़्यादा लगे तो वॉकिंग या साइकलिंग ट्राई करें
- फूलों या लेमनग्रास एसेंस से कमरा खुशबूदार रखें
छोटे-मोटे स्ट्रेस के लिए घर के ये नुस्खे कई बार दवा से ज्यादा कूल काम कर सकते हैं। ध्यान रखें – दवाएं आपके लिए लास्ट ऑप्शन हों, लाइफस्टाइल पहले बदलें।

क्या स्ट्रेस के लिए OTC दवाएं ही काफी हैं? एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं
बात रखते हैं एक्सपर्ट्स के – क्या सिर्फ OTC दवाएं स्ट्रेस को रियली काबू कर सकती हैं? साइंस कहता है, हल्के और शॉर्ट टर्म स्ट्रेस के लिए ये फर्स्ट स्टेप बेशक सही है, लेकिन लंबे समय तक चलने वाली चिंता, दम घोंटने वाली टेंशन या बार-बार पैनिक अटैक्स में सिर्फ OTC पर निर्भर रहना सही नहीं। हर इंसान के स्ट्रेस ट्रिगर, उनकी लाइफस्टाइल, जॉब, हेल्थ हिस्ट्री और दिमाग की वायरिंग अलग है।
मेडिकल जर्नल 'लैंसेट' की 2025 की एक स्टडी के अनुसार, स्ट्रेस-रिलेटेड डिसऑर्डर्स में सबसे जरूरी है - स्ट्रेस के कारण को समझना, लाइफ में बदलाव लाना और डॉक्टर के निर्देश के मुताबिक दवा या थेरेपी इस्तेमाल करना। पॉपुलर ओटीसी प्रोडक्ट्स सिर्फ टेम्पररी रिलीज देते हैं, लेकिन स्ट्रेस अगर 1 महीने से ज्यादा रह रहा है, या रोज के काम प्रभावित हो रहे हैं तो यह इग्नोर करना पक्का नुकसान पहुंचा सकता है।
अगली बार OTC स्ट्रेस रिलीवर खरीदने से पहले अपनी आदतें, दिनचर्या और लाइफस्टाइल को गहराई से जाँचें। छोटी-छोटी स्ट्रेस रिलीफ एक्टिविटीज, जैसे अच्छी नींद, संतुलित डाइट, रुटीन एक्सरसाइज और दिल से बात करने वाला कोई दोस्त – ये उपाय हर OTC दवा से कई गुना असरदार हैं। और याद रखें, मेंटल हेल्थ सीरियस है – जरूरत लगे तो एक्सपर्ट से मदद लेने में बिल्कुल न हिचकें।
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