जानिए शरीर को स्वस्थ रखने वाले अश्वगंधा के गजब के फायदे

Last updated on June 16th, 2022 at 01:28 pm

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अश्वगंधा के फायदे


जानिए शरीर को स्वस्थ रखने वाले अश्वगंधा के गजब के फायदे अश्वगंधा का नाम आपने कई बार सुना होगा। आपने अखबारों या टीवी पर अश्वगंधा के विज्ञापन देखे होंगे। अश्वगंधा का इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि अश्वगंधा का इस्तेमाल मोटापा, ताकत और वीर्य विकारों को कम करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा अश्वगंधा के फायदे और भी हैं।

अश्वगंधा का उपयोग दुनिया भर में सदियों से किया जाता रहा है क्योंकि इसके कई फायदे हैं। वैज्ञानिक भी अश्वगंधा को एक कारगर औषधि मानते हैं। कहा जाता है कि अश्वगंधा व्यक्ति को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसी वजह से आज के इस लेख में हम आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर अश्वगंधा के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

Priyashopweb आपको हमेशा से उपुक्त information देता आया है। आज हम इस लेख की मदद से ashwagandha ke fayde हम कैसे उठा सकते है, और इस पौधे के उपयोग क्या है ये तो हम यहा जानने ही वाले है।

साथ ही हम अश्वगंधा पौधा (Ahwagandha Plant) अश्वगंधा की पहचान। अश्वगंधा के लाभ हम कैसे उठा सकते है, हमारे लिए अश्वगंधा पावडर या अश्वगंधा चूर्ण इसमें से हमारे लिए कौनसा सही होगा, अश्वगंधा से क्या लाभ होता है, अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए, अश्वगंधा कितने दिन में असर दिखाता है ऐसे सवाल जो हमारे मन में अश्वंगधा को लेकर उभरते है, उनके जवाब भी हम यह जानने की कोशिश करेंगे।

विषय की सूची

अश्वगंधा के फायदे Ahwagandha Benefits In Hindi

Ahwagandha Benefits In Hindi
Ahwagandha Benefits In Hindi

अश्वगंधा एक प्राचीन औषधीय पौधा है। इसे एडाप्टोजेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ यह है की यह औषधी आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करती है। अश्वगंधा आपके शरीर और मस्तिष्क के लिए कई अन्य लाभ भी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, यह मस्तिष्क के कार्य को बढ़ा सकता है, रक्त शर्करा और कोर्टिसोल के स्तर को कम कर सकता है।

साथ ही यह चिंता और अवसाद के लक्षणों से लड़ने में मदद कर सकता है। विज्ञान द्वारा समर्थित अश्वगंधा के लाभ यहां हम बता रहे है।

१. तनाव और चिंता कम करता है अश्वगंधा

तनाव और चिंता काम करने वाले अश्वगंधा के फायदे हम उठा सकते हैं। तनाव की समस्या कई बीमारियों को जन्म दे सकती है। चूहों पर हुए शोध के मुताबिक आयुर्वेदिक दवा अश्वगंधा के तनाव-रोधी गुण तनाव को कम कर सकते हैं और बीमारियों से बचा सकते हैं।

अश्वगंधा में तनाव विरोधी गुणधर्म सिटोइंडोसाइड्स (Sitoindosides) और एसाइलस्टरीग्लुकोसाइड्स (Acylsterylglucosides) पाए जाते है। इंसानों पर किये गए कई संशोधन से हमें पता चला है कि यह तनाव और चिंता विकार वाले लोगों के लिए बहोत ही फायदेमंद साबित हुवा है।

२. मधुमेह में अश्वगंधा के फायदे

मधुमेह में अश्वगंधा का उपयोग लंबे समय से किया जा रहा है। आधुनिक शोधकर्ताओं के अनुसार, सहिजन में विटानोलाइड्स जैसे सक्रिय तत्व शरीर में कोशिकाओं की इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, जो बदले में ग्लूकोज या चीनी का उपयोग करके रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है।

अश्वगंधा एक उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है और शरीर को अनियंत्रित शुगर के दुष्प्रभाव से बचाता है। अश्वगंधा के सेवन से मोटापा और तनाव कम होता है। अधिक वजन और बढ़ा हुआ तनाव मधुमेह के प्रमुख कारण हैं। इसे नियंत्रण में रखकर अश्वगंधा मधुमेह को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

३. इम्यूनिटी बूस्ट के लिए अश्वगंधा के फायदे

सभी जानते हैं कि इस समय इम्यून सिस्टम को मजबूत करना कितना जरूरी है। यदि आपके पास मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली है, तो आप कई बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे। यह आयुर्वेदिक औषधि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत कारगर हो सकती है। यह दवा शरीर को किसी भी वायरस से बचाने में मदद कर सकती है।

इसका इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार कर सकता है, जो बीमारी से लड़ने में मदद कर सकता है। इसलिए, अश्वगंधा को प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए माना जाता है।

४. कमजोरी दूर करने के लिए ashwagandha ke fayde

अश्वगंधा के सेवन से कमजोरी दूर होती है। आयुर्वेद में वजन बढ़ाने के लिए यह एक दवा काफी कारगर हो सकती है। अश्वगंधा और दूध आपके शरीर को मजबूत बनाता है। इसके लिए एक गिलास दूध में त्रिकटु चूर्ण को अश्वगंधा चूर्ण के साथ मिलाकर रोजाना पिएं। कुछ ही दिनों में आपको फर्क दिखने लगेगा।

यह आपकी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए फायदेमंद हो सकता है। यही कारण है कि अखाड़े में सराव करनेवाले एथलीट और पहलवान अश्वगंधा की खुराक लेते हैं। अश्वगंधा को न्यूरोमस्कुलर समन्वय में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है।

५. अश्वगंधा के फायदे बालों के लिए

अश्वगंधा बालों की जड़ों को मजबूत करता है और बालों में मेलेनिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। इससे बालों की पकड़ मजबूत होती है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित शोध के अनुसार, अश्वगंधा आनुवंशिक कारणों (नॉन-क्लासिकल एड्रेनल हायपरप्लासिया) और थायराइड के कारण बालों के झड़ने को रोकने में मदद कर सकता है। यह बालों को समय से पहले सफेद होने से रोकता है। अश्वगंधा के फायदे में बालों को स्वस्थ रखना और बालों को झड़ने से रोकना शामिल है।

6. हाई ब्लड प्रेशर के लिए अश्वगंधा के फायदे

Benefits of Ashwagandha की जब बात अति है तब हम इसका उपयोग हम हाई ब्लड प्रेशर के लिए कैसे कर सकते है इसके बारे मैं जरूर बात करेंगे। आज बहुत से लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। ऐसे मामलों में, रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवा का उपयोग किया जा सकता है।

अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो इसके सेवन से आप इसे काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए अश्वगंधा पाउडर और एक गिलास दूध के साथ एक गाढ़ा पेस्ट लेंसकते हो।

७. डायबिटीज में अश्वगंधा चूर्ण के फायदे

2009 में, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मॉलिक्यूलर साइंस ने अश्वगंधा की जड़ों और पत्तियों पर मधुमेह के चूहों पर एक अध्ययन किया। कुछ देर बाद चूहों में इसका सकारात्मक बदलाव देखने को मिला। इस कारण यह कहा जा सकता है कि अश्वगंधा मधुमेह को रोकने में उपयोगी हो सकता है।

आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा से भी मधुमेह को रोका जा सकता है। इसका हाइपोग्लाइमि प्रभाव ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों का दावा है कि अश्वगंधा इंसुलिन उत्पादन और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित करके मधुमेह रोगियों की मदद कर सकता है।

८. अर्थराइटिस में फायदेमंद अश्वगंधा पाउडर

गठिया याने अर्थराइटिस के मरीजों को जोड़ों में दर्द और सूजन का अनुभव होता है। गाउट शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा में वृद्धि के कारण होता है। ऐसे मामलों में यूरिक एसिड को कम करने के लिए अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। इसका उपयोग आपके जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने के लिए भी किया जा सकता है।

थायराइड की समस्या वाले चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि अश्वगंधा की जड़ का नियमित रूप से एक दवा के रूप में सेवन करने से थायराइड फंक्शन में सुधार होता है। अश्वगंधा के फायदे के रूप में यह फायदेमंद हो सकता है।

९. अच्छी निंद के लिए ashwagandha ke fayde

बहुत से लोगों को अच्छी निंद लेने में परेशानी होती है। रात भर करवाते बदलने से भी तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ता है। ऐसे में यह दवा आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। अगर आप दिन में थके हुए हैं और रात को अच्छी नींद नहीं आती है तो रोजाना एक गिलास दूध में अश्वगंधा मिलाकर पीना शुरू कर दें।

इससे आपकी दोनों परेशानियां दूर हो सकती हैं। जापान में त्सुकुबा विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट द्वारा 2017 में किए गए एक शोध अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा की पत्तियों में ट्राएथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक होता है, जो गहरी नींद दिलाने में मदद कर सकता है। इस शोध के आधार पर कहा जा सकता है कि अनिद्रा के रोगियों को अच्छी नींद के लिए अश्वगंधा का सेवन करना अच्छा साबित होता है।

१०. अश्वगंधा के सेवन से करे कैंसर से बचाव

कैंसर पर किये गए कई शोधों ने साबित किया है कि अश्वगंधा का सेवन हमारे शरीर में कैंसर कोशिकाओं में होने वाले विकास को रोकता है। इतना ही नहीं अश्वगंधा कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिनकी कीमोथेरेपी चल रही है, उनके लिए भी यह अच्छा है।

यह कीमोथेरिपी की वजह से शरीर पे होने वाले साइड इफेक्ट से भी बचाता है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित वैज्ञानिक शोध में कहा गया है कि अश्वगंधा में एंटी-ट्यूमर एजेंट होते हैं, जो ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकते हैं। याद रखें कि अश्वगंधा का इस्तेमाल कैंसर से बचाव के लिए किया जा सकता है, सीधे तौर पर कैंसर को ठीक करने के लिए नहीं। एक ख़ास सूचना अगर आपको कैंसर है तो डॉक्टर की सुचना के बिना इसका सेवन ना करे।

११. थायराइड के लिए अश्वगंधा के फायदे

थायराइड एक ऐसी बीमारी है जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई जाती है। थायरॉइड के हर दस में से आठ मरीज महिलाएं होती हैं। थायराइड की समस्या से पीड़ित महिलाओं को मोटापा, तनाव, अवसाद, बांझपन, कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

थायराइड गले में एक ग्रंथि है। यह ग्रंथि थायोक्सिन नामक एक हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर में चयापचय प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करती है। जब ये हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं तो शरीर का वजन बढ़ना या कम होना शुरू हो जाता है। इस स्थिति को थायराइड कहते हैं।

थायराइड के रोगी द्वारा अश्वगंधा के नियमित सेवन से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और काम करने की क्षमता भी बढ़ती है। साथ ही यह शरीर में हार्मोन के असंतुलन को भी संतुलित करता है। यह टेस्टोस्टेरोन और एंड्रोजन हार्मोन को भी बढ़ाता है। इस प्रकार अश्वगंधा के सेवन से थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन अश्वगंधा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

१२. स्मरणशक्ति बढ़ने के लिए ashwagandha ke fayde

अश्वगंधा के फायदे में दिमागी स्मरणशक्ति बढ़ना शामिल है। अश्वगंधा मस्तिष्क की कार्यक्षमता में कमी, जो एक बार देखा था उसे याद न रखना जैसी समस्याओं में उपयोगी है। अश्वगंधा नींद में सुधार करता है और भूलने की बीमारी और याददाश्त की कमी को हमेशा के लिए दूर करता है।

विभिन्न जानवरों पे किये गए अध्ययन में पाया गया है कि अश्वगंधा मस्तिष्क के कार्य और स्मृति पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया, अश्वगंधा का सेवन अच्छी नींद को भी बढ़ावा देता है, जिससे दिमाग को आराम मिलता है और वह बेहतर तरीके से काम करता है।

स्वास्थ्य की उपेक्षा और बदलती दिनचर्या का मस्तिष्क के कार्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए संतुलित जीवनशैली का अनुकरण करे।



अस्वगंधा के उपयोग Ashwagandha Uses In Hindi 

ऊपर हमने अश्वगंधा से क्या लाभ होता है, Ashwagandha Benefits In Hindi याने अश्वगंधा के फायदे इन सबकी विस्तार से जानकारी ली अब हम आपको अस्वगंधा के उपयोग संक्षिप्त में बताने जा रहे है उन्हें जरूर पढ़े।

१. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए अश्वगंधा

अश्वगंधा पाउडर का सेवन कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद करता है। साथ ही, यह एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

२. यौन शक्ति बढ़ाये अश्वगंधा

अश्वगंधा एक शक्तिशाली औषधि है, जो पुरुष यौन क्षमता में सुधार करके वीर्य की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। अश्वगंधा का उपयोग करने से शुक्राणुओं की गुणवत्ता के साथ-साथ उनकी संख्या भी बढ़ सकती है। अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए यह एक अच्छी उपलब्धि है।

३. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए उपयोगी अश्वगंधा

मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकने में अश्वगंधा फायदेमंद हो सकता है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो मोतियाबिंद से लड़ने में मदद कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा आँखों की रोशनी बढ़ने में उपयुक्त साबित होता है।

४. संक्रमण से बचाव करने की खूबी

जब आपके शरीर में कहीं भी कोई संक्रमण होता है, चाहे वह वायरल हो या बैक्टीरियल, अश्वगंधा में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व आपको इसे रोकने में मदद करते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। यह गुण रोगजनक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद कर सकता है।

५. प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोगी

महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ को देखते हुए अश्वगंधा सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं बल्कि महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है। इसका उपयोग उन महिलाओं द्वारा भी किया जा सकता है जिन्हें गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है, या शारीरिक कमजोरी के कारण गर्भधारण करने में समस्या हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि अश्वगंधा फर्टिलिटी को बढ़ाने का काम करती है।


अश्वगंधा के आयुर्वेदिक गुण 

यह एक प्राचीन भारतीय औषधि है, जिसका प्रयोग आयुर्वेद में कई वर्षों से किया जा रहा है। अश्वगंधा में कुछ प्राकृतिक स्टेरॉयड और एल्कलॉइड होते हैं। और जब हम इस अश्वगंधा का सेवन करते हैं तो इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है,अगर आप सुस्त रहते हो अच्छे से नींद नहीं ले पाते तब इसका सेवन बहोत आराम दिलाता है। जब आपके शरीर में कहीं भी कोई संक्रमण होता है, चाहे वह वायरल हो या बैक्टीरियल, अश्वगंधा में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व इसे रोकने में आपकी मदद करते हैं।

अश्वगंधा हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। अश्वगंधा पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है। अगर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होती है तो बहुत सारी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए यह पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह दवा आपके लिए टॉनिक की तरह है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-स्ट्रेस, एंटीबैक्टीरियल एजेंट होते हैं। अश्वगंधा के औषधीय गुणों में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव के कारण यह शरीर में फ्री रेडिकल्स को बनने से रोक सकता है। यह उम्र बढ़ने और अन्य बीमारियों को कम कर सकता है।


अश्वगंधा के पोषक तत्वों की जानकारी 

प्रति 100 ग्राम अश्वगंधा पाउडर में विभिन्न पोषक तत्व की जानकारी

अश्वगंधा के पोषक तत्व 

प्रति १०० ग्राम पावडर 

मॉइस्चर

7.45 g

ऐश

4.41 g

प्रोटीन

3.9 g

फैट

0.3 g

क्रूड फाइबर

32.3 g

ऊर्जा

245 Kcal

कार्बोहाइड्रेट

49.9 g

आयरन

3.3 mg

कैल्शियम

23 mg

टोटल  कैरोटीन

75.7 µg

विटामिन-सी

3.7 mg


अश्वगंधा के नुकसान 

ऊपर हमने अभी अश्वगंधा के फायदे, उपयोग और उसमें शामिल पोषक तत्वों की जानकारी ली अब हम अश्वगंधा के नुकसान के बारे में जानते है। यदि आप सीमित मात्रा में अश्वगंधा का उपयोग करते हैं, तो आपको कोई दुष्प्रभाव अनुभव नहीं होगा।

लेकिन आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, तो यह एसिडिटी, अल्सर, त्वचा पर चकत्ते और हाइपर टेंशन का कारण भी बन सकता है। इसे गर्भवती महिलाओं, उच्च रक्तचाप और लीवर की बीमारी के रोगियों को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए। तो आइए अब जानते हैं कि अश्वगंधा के क्या नुकसान हैं ?

  • मानसिक स्वास्थ्य पर असर दाल सकता है। इसलिए अश्वगंधा का सेवन करते समय शराब तथा अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहाना चाहिए।
  • अश्वगंधा के नुकसान में  उल्टी आना और जी मिचलाना ऐसी तकलीफें हो सकती है। यह सब सही प्रमाण न लेने से की वजह से होता है।
  • आपको अश्वगंधा के सेवन से नींद अच्छी आती है । लेकिन लंबे समय तक इसका सेवन करना आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है।
  •  अश्वगंधा के नुकसान में इसके अत्यधिक सेवन से बुखार, थकान और दर्द भी हो सकता है।
  • अश्वगंधा का अत्यधिक उपयोग पेट के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके सेवन से दस्त हो सकते हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, उसके बाद ही इसका सेवन करें।
  • अश्वगंधा के ओवरडोज से सांस लेने में तकलीफ, त्वचा में जलन, रैशेज और रैशेज, सीने में दर्द, खुजली आदि हो जाती है। अश्वगंधा के दुष्प्रभाव के रूप में जाना जाता है।
  • आपके शरीर में एक निश्चित मात्रा में शुगर होती है और अगर शरीर में शुगर इससे कम है तो यह एक गंभीर समस्या बन जाती है। अश्वगंधा के अधिक सेवन से शरीर में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है।
  • कुछ शोधों से पता चला है कि अश्वगंधा के अत्यधिक सेवन अश्वगंधा के नुकसान में आता है, इससे एलर्जी हो सकती है। हालांकि इसे साबित करने के लिए और अधिक शोध किए जा रहे हैं, पुराने शोध ने पुष्टि की है कि अश्वगंधा एलर्जी की समस्या का कारण बनती है।
  • यदि आप अश्वगंधा को कई अन्य दवाओं के साथ लेना तो उनींदापन और अत्यधिक नींद आ सकती है। अनुसंधान ने पुष्टि की है कि अश्वगंधा को लोराजेपैम, जोलपिडेम व अल्पराजोलाम के साथ लेने से उनींदापन और अत्यधिक नींद आ सकती है।
  • अश्वगंधा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, लेकिन जो लोग लूपस, मल्टिपल सेकलेरोसिस और रेमेटोईड गठिया से पीड़ित हैं, उन्हें अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। अश्वगंधा ऑटोइम्यून बीमारियों का कारण बन सकती है जो इन बीमारियों से लड़ने की आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।
  • जिन लोगों को पेट में अल्सर या छाले हैं उन्हें अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट में गैस बनने लगती है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए अश्वगंधा का सेवन बेहद हानिकारक होता है। इससे बच्चे के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्लोन-केटेरिंग मेमोरीयल कैन्सर सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, गर्भपात के लिए अश्वगंधा को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके अलावा, अश्वगंधा दूध उत्पादन को प्रभावित करती है, इसलिए महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

अश्वगंधा क्या है  What is Ashwagandha

अश्वगंधा क्या है  What is Ashwagandha
अश्वगंधा क्या है  What is Ashwagandha

अश्वगंधा अलग-अलग देशों में कई किस्मों का होता है, लेकिन असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधे में कुचले हुए घोड़े के मूत्र जैसी गंध आती है। अश्वगंधा की ताजी जड़ों में गंध अधिक तीव्र होती है। खेती से उगाए गए अश्वगंधा की गुणवत्ता जंगल की तुलना में बेहतर होती है। अश्वगंधा एक औषधीय पौधा है जिसका उपयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है। अश्वगंधा के बीज से तेल भी निकला जाता है।

इस जड़ी बूटी से अश्वगंधा पाउडर, चूर्ण और कैप्सूल बनाए जाते हैं। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा है। आम भाषा में इसे अश्वगंधा के साथ-साथ इंडियन जिनसेंग और इंडियन विंटर चेरी भी बोला जाता है। इसका पौधा 35-75 सेमी लंबा होता है। यह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात जैसे भारत के शुष्क क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह चीन और नेपाल में भी व्यापक रूप से उगाया जाता है। इसकी 23 प्रजातियां पूरी दुनिया में पाई जाती हैं और दो प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं।

१. छोटी अश्वगंधा Small Ashwagandha

छोटी झाड़ी के कारण इसे छोटा असंगंद कहा जाता है, लेकिन इसकी जड़ बड़ी होती है। यह नागौर, राजस्थान में बहुत आम है और वहां की वातावरणीय परिस्थितियों के चलते विशेष रूप से प्रभावित होता है। इसलिए इसे नागोरी असगंधा के नाम से पहचाना जाता है।

२. बड़ी या देशी अश्वगंधा Elder or Native Ashwagandha

यह देशी अश्वगंधा बगीचों, खेतों और पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। हालांकि इस प्रकार का अश्वगंधा पौधा आकार में बड़ा होता है, लेकिन इसकी जड़ें छोटी और पतली होती हैं।


भारतीय भाषाओं में अश्‍वगंधा के नाम 

  • हिंदी – असगंध
  • बंगाली – अश्वगंधा
  • मल्याळम – अमूलीरे, पिवटे, अमुक्कुरम
  • पारशी – बे हेमान बररी, मेहरनानबरारी
  • तेलगू  – पनेर, पैन्नेरुगड्डु , आंड्रा
  • गुजराथी – घोडा आकून, आसंध, घोडासोडा
  • मराठी – जंगली, डोरगुंज, आक्सद, टिल्लि
  • उर्दू – असगंधनागोरी
  • पंजाबी – असगंद
  • संस्कृत – अश्वगंधा, राहकर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठगन्धिनी

और अंग्रेजी में इसे  Winter cherry  (विंटर चेरी), Poisonous gooseberry (पॉयजनस गूज्बेर्री) इस नाम से जाना जाता है।

*अगर आपको और कोई नाम अवगत हो तो आप यहां हमें कमेंट करके बता सकते हो हम जरूर उसे समाविष्ट करेंगे।


अश्वगंधा पौधा अश्वगंधा की पहचान 

अश्वगंधा एक झाड़ीनुमा बारहमासी पौधा है। यह 3 से 6 फीट तक लंबा होता है, जो बैंगन के पौधे जैसा होता है। इस पौधे की बहुत सारी शाखाएँ होती हैं। उनपर बैंगन के पत्तों  जैसे  सरल, चिकने, दाँतेदार पत्ते होते हैं। फूल के पास के पत्ते छोटे और एक दूसरे के विपरीत होते हैं।

फूल छोटे, पीले, गुच्छोंदार होते हैं। गोल हरे फल पुष्पकोष में होते हैं। पकने पर ये  फल लाल-नारंगी हो जाते हैं। इसके बीज पंचकोणीय पीले रंग के होते हैं। इस पौधे की जड़ें सफेद, भूरी, सख्त और मजबूत 10 से 15 सेमी लंबी और 2 से 3 सेमी मोटी होती हैं और औषधीय रूप से उपयोग की जाती हैं। इसके पत्ते भी औषधि के रूप में इस्तेमाल होते है


अश्वगंधा पौधा कैसे लगाएं 

अगर आप इस पौधे को गमले में लगाते हैं तो यह आपके बहुत काम आ सकता है। यह पौधा लाल और चिकनी मिट्टी में अच्छी तरह से बढ़ता है। और इसकी जड़ें अच्छी तरह से पोषित होती हैं। ऐसी मिट्टी को गमले में भरकर अश्वगंधा के पौधे को गमले में लगा देना चाहिए औरअच्छेसे पानी देना चाहिए ज्यादा पानीदेने से बचना है। ज्यादा पानी डालने से पौधे को नुकसान हो सकता है।

एक महीने के भीतर, अंकुर फूटते और बढ़ते हैं, और 8 से 10 महीनों के बाद, वे फूलने और फलने लगते हैं। 18 से 20 महीने के बाद पेड़ को उखाड़कर उसकी जड़ों को छाया में सुखाकर पाउडर बनाकर औषधि के लिए रख देना चाहिए। वर्तमान में इस पेड़ की पत्तियों की काफी मांग है।


अश्वगंधा चूर्ण बनाने की विधि 

अश्वगंधा के फायदे में हम इसके निर्माण की विधि के बारे में जानते है। अब आप घर पर आसानी से अश्वगंधा पाउडर या अश्वगंधा चूर्ण बना सकते हैं। अश्वगंधा का चूर्ण बनाने के लिए आपको अश्वगंधा की जड़ चाहिए। हालांकि अश्वगंधा की पत्तियों से पाउडर भी बनाया जा सकता है, लेकिन अश्वगंधा की जड़ का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। नीचे हम आपको घर पर अश्वगंधा पाउडर बनाने का तरीका बता रहें है।

  • सबसे पहले अश्वगंधा की जड़ों को लेकर उसे अच्छे से धो लें।
  • अब अश्वगंधा की जड़ों को धूप में सुखा लें। उसमें नमी होगी तो वह निकल जाएगी।
  • अगर जड़ बहुत बड़ी लगती है, तो इसे दो या तीन टुकड़ों में काट लें।
  • एक बार जब जड़ें अच्छी तरह सूख जाएं, तो उन्हें ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड करें।
  • घर में अगर कोई जड़ी-बूटी आदि को कूटने-पीसने के लिए प्रयोग किया जाने वाला धातु का खल-बट्टा है तो आप उसमें अश्वगंधा की जड़ों को पीसकर चूर्ण बना सकते हैं।
  • पाउडर बनाने के बाद इसे छानकर किसी एयर टाइट कंटेनर में भर कर रख लें और लंबे समय तक इस्तेमाल करें.

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ऊपर हमने अभी अश्वगंधा चूर्ण बनाने की विधि के बारे में जाना इसकी मदद से हम आसानीसे हमारे घर पे यह Ashwagandha Powder आसानीसे बना सकते है। अब सवाल उठता है की इसे बनाने के बाद हम इसको सुरक्षित कैसे रखे ताकि अश्वगंधा चूर्ण का हम लम्बे समय तक सेवन कर सके। अब अश्वगंधा को सुरक्षित रखने के टिप्स हम आपको बताने जा रहे है।

अश्वगंधा को कैसे चुनें और लंबे समय तक सुरक्षित रखें 

अश्वगंधा को स्थानीय बाजार से खरीदा जा सकता है। यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है। आजकल बड़े किराना स्टोर भी अश्वगंधा पाउडर और उसकी जड़ों के पैकेट मिल जाते हैं। इसके अलावा अश्वगंधा को ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।

  • अगर आप चाहते हैं कि अश्वगंधा ज्यादा समय तक टिका रहे तो हमेशा इसकी जड़ें ही ख़रीदे।
  • अगर आप एक-दो महीने में इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अश्वगंधा पाउडर भी ले सकते हैं। बैद्यनाथ और पतंजलि अश्वगंधा पाउडर बाजार में बहुत लोकप्रिय है।
  • फंगस लगा हुवा अश्वगंधा न ले इसे देखकर ही ख़रीदे। इसके लिए पूरा सूखा हुवा अश्वगंधा का जड़ अच्छा विकल्प होगा।
  • नमी को रोकने के लिए, अश्वगंधा को खरीद के बाद एक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।

टिप – अगर अश्वगंधा को एक या दो महीने में इस्तेमाल करना है तो इसका पाउडर बनाकर किसी एयरटाइट कंटेनर या  झिपर बैग में भरकर रख सकते हैं।

आगे हम आपको बता रहे है अश्वगंधा कितना खाना है अश्वगंधा की खुराक और अश्वगंधा का सेवन कैसे करें तो इस लेख में अंत तक बने रहे।

अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए 

अश्वगंधा की खुराक और अश्वगंधा का सेवन कैसे करें
अश्वगंधा की खुराक और अश्वगंधा का सेवन कैसे करें

 

अश्वगंधा चूर्ण खाने की विधि काफी सरल है। अश्वगंधा पाउडर को पानी, शहद या तुपत के साथ मिला सकते हैं। इसके अलावा अश्वगंधा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय और अश्वगंधा जूस भी बाजार में और ऑनलाइन आसानी से मिल जाता है। आजकल लोग इसका अलग-अलग तरह से सेवन करते हैं। कुछ लोग आज भी अश्वगंधा चूर्ण खरीद कर खाते हैं तो कुछ लोग बाजार में मिलने वाले अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन करते हैं।

इसे रात को सोने से पहले दूध के साथ लेने से लाभ होता है। इसके अलावा, इसे भोजन के बाद लिया जा सकता है। बहुत से लोग इसे खाली पेट भी खाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए खाली पेट अश्वगंधा हानिकारक होता है, इसलिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक या प्राकृतिक चिकित्सक से सलाह लेकर ही इसका सेवन करना सबसे अच्छा होता है।

आप अश्वगंधा की सूखी जड़ 3 से 6 ग्राम तक ले सकते हैं। वैसे, अश्वगंधा की खुराक प्रत्येक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, समस्याओं और अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। इस कारण बिना डॉक्टर की सलाह के अश्वगंधा का सेवन न करें। इसके अलावा बाजार में मिलने वाले अश्वगंधा सप्लीमेंट के पैकेट में अश्वगंधा खाने के तरीके के बारे में भी निर्देश होते हैं। उन लिखित निर्देशों का भी पालन किया जा सकता है। अश्वगंधा के फायदे हम तभी उठा सकते है जब हम इसके खुराक के बारे में असल जानकारी लेते है।

भारत के सबसे अच्छे अश्वगंधा सप्लिमेंट 

१. Himalaya Ashwagandha – General Wellness Tablets

२. ORGANIC INDIA Ashwagandha Veg Capsules

३. Dabur Ashwagandha Tablet – Immunity Booster

४. Ksm66 Ashwagandha (500 mg)

५. Zandu Ashwagandha Capsules


निष्कर्ष – Conclusion 

आयुर्वेद में ashwagandha ke fayde लंबे समय से लिए जा रहे हैं। अगर आप भी अश्वगंधा के फायदे लेना चाहते हैं तो इसे अपनी डाइट में ठीक से शामिल करें। अश्वगंधा को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अश्वगंधा के फायदों के बारे में जानना जरूरी है।

अश्वगंधा के लाभ आहार में अश्वगंधा पाउडर, अश्वगंधा के पत्ते, अश्वगंधा की जड़, अश्वगंधा कैप्सूल आदि शामिल हो सकते हैं। हम आपको बता दें कि अश्वगंधा का ज्यादा सेवन करने से नुकसान भी हो सकता है।

प्रकृति ने हमें कई अनमोल उपहार दिए हैं और अश्वगंधा उनमें से एक है। अश्वगंधा का सेवन आप हर तरह की बीमारियों से बचाव, शरीर की ताकत बढ़ाने और वजन को नियंत्रित करने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा, यह दवा आपको युवा और सुंदर दिखने में मदद कर सकती है।

बेशक, यह एक शक्तिशाली दवा है, लेकिन इसका दीर्घकालिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। इस कारण विशेषज्ञ से इसकी खुराक कितनी देर तक लेनी है ये पूछकर ही इसका सेवन शुरू करें।


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