बालों को नुकसान पहुँचाने वाले प्राकृतिक कारण
अगर आपको लगता है कि बालों का खराब होना सिर्फ़ हेयर-डाई या स्ट्रेटनिंग जैसी चीज़ों से होता है, तो ज़रा सोचिये – आपकी दिनचर्या के कुछ सबसे आम और प्राकृतिक हिस्से भी आपके बालों का बुरा हाल कर सकते हैं। भारत की गर्मी, धूल, धूप, पानी की क्वालिटी, और यहां तक कि आपकी अपनी स्किन की स्थिति भी बालों को दम तोड़ने पर मजबूर कर सकती है। गर्मियों में तापमान 40°C के पार जाते ही पसीना और सीबम (तैलीय पदार्थ) आपके स्कैल्प को चिपचिपा बना देते हैं, जिससे डैन्ड्रफ और बालों का झड़ना आम बात है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि स्कैल्प की लगातार नमी फंगल इन्फेक्शन का रास्ता खोल देती है—जिसका एक प्रमुख कारण हवा में बढ़ती ह्यूमिडिटी है।
रोज़ बोरिंग के पानी से बाल धोना भी नुकसान कर सकता है क्योंकि इसमें हार्ड मिनरल्स (जैसे कैल्शियम व मैग्नीशियम) होते हैं, जो बालों के क्यूटिकल को नुकसान पहुंचाते हैं। सिर्फ़ इतना ही नहीं, बिस्तर पर गीले बालों के साथ सोना बालों में ब्रेकिंग और स्प्लिट एंड्स को न्योता देता है। प्रदूषण तो वैसे भी बालों के लिए सबसे बड़ा दुश्मन है, जिसमें PM2.5 कण सीधे बालों की ऊपरी सतह पर चिपकते हैं और पोर्स को बंद कर देते हैं। ट्रैफ़िक सिग्नल पर पांच मिनट खड़े रहना भी आपके बालों के लिए हानिकारक हो सकता है।
हद तो तब हो जाती है जब आप रोज़मर्रा के टॉवल से बालों को बहुत रगड़ते हैं—इससे बालों की प्राकृतिक नमी खो जाती है। फिजूल केमिकल्स तो बाद की बात है, सबसे बड़ा नुकसान आपकी अपनी आदतों से भी हो सकता है।

लाइफस्टाइल और खानपान से जुड़ी आम गलतियाँ
आपने सोचा है कि आपके बाल इतने बेजान क्यों दिखते हैं जबकि आप बढ़िया शैंपू और ऑयल्स इस्तेमाल करते हैं? असली वजह अक्सर आपके खाने-पीने और डेली हैबिट्स में छुपी होती है। एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग दिन में 8 गिलास से कम पानी पीते हैं, उनमें हेयर फॉल की संभावना 30% तक बढ़ जाती है। डिहाइड्रेशन सीधा स्कैल्प को ड्राय बनाता है और बालों की ग्रोथ को रोक देता है।
अगर आपकी डाइट विटामिन D, आयरन, जिंक और बायोटिन से कमज़ोर है, तो बाल कमजोर पड़ सकते हैं। फास्ट-फूड, जंक फूड और चाय-कॉफी के ओवरडोज़ से बालों की जड़ें कमज़ोर होती हैं और बालों का तगड़ा गिरना शुरू हो जाता है।
नींद पूरी न होना, स्ट्रेस और अलार्म पर बार-बार स्नूज़ करना भी बालों की सेहत बिगाड़ सकता है। नींद की कमी से बॉडी का ‘कोर्टिसोल’ लेवल बढ़ जाता है, जिससे हेयर ग्रोथ साइकिल अनियमित हो जाती है। रिसर्च कहती है कि स्ट्रेस से बालों के पिगमेंट (रंग) को बनाने वाली कोशिकाएँ खत्म हो जाती हैं – जिसका रिज़ल्ट है जल्दी सफेद होते बाल।
किसी-किसी इलाके में पानी में क्लोरीन की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है, खासकर मानसून के सीजन में, जिससे बाल रूखे, बेजान और फ्रीज़ी हो जाते हैं। जानकारी के लिए, कई बार हमारे घर की बाल्टी और पाइप की सफाई न होना भी फंगल इन्फेक्शन की वजह बन सकता है।
अक्सर ज्यादा हीट से बाल सूखते और टूटते हैं। 60°C से ऊपर का हेयर ड्रायर तापमान बालों के प्रोटीन स्ट्रक्चर को डेमेज कर देता है। कई लोग सोचते हैं कि पानी से बाल धोना ही काफी है, पर पानी की क्वालिटी खराब होने पर शैम्पू का असर बेकार हो सकता है। बालों को कसकर बांधना, लगातार टाईट पोनी, या बैक-टू-बैक हेयर स्टाइल बदलना भी हेयर फॉल को ट्रिगर करता है।
यहाँ एक खास फैक्ट: स्कैल्प पर पसीना लगातार ठहरने से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और रोज़ के हेयर स्टाइलिंग टूल्स बालों में माइक्रो-फ्रैक्चर बना देते हैं।

बालों को बचाने और मजबूत रखने के देसी टिप्स
अब सवाल आता है – इन सब बातों के बाद बालों की संभाल कैसे करें? पहले तो जितना हो सके नैचुरल पानी (फिल्टर या RO), मुलायम टॉवल और सौम्य हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल शुरू करें। बालों को सूखाने के लिए टॉवल से हलके-हलके दबाए, न कि जोरों से रगड़ें।
हर सप्ताह दो बार बालों की गहराई से तेल-मालिश बहुत मददगार है—खासकर नारियल, जैतून, या बादाम के तेल का इस्तेमाल करें। इन तेलों में नेचुरल फैटी एसिड्स और विटामिन्स होते हैं जो बालों को जड़ों से पोषण देते हैं। बालों को धूल और धूप से बचाने के लिए बाहर जाते समय हलका स्कार्फ या टोपी पहन सकते हैं।
खानपान की बात करें तो कोशिश करें आपके खानपान में हरी सब्ज़ियाँ, बादाम, अंडा, मछली और दही ज़रूर हो। अगर आप शाकाहारी हैं, तो सोया, अंकुरित दालें, मूंगफली और दूध के प्रोडक्ट्स से प्रोटीन की भरपाई कर सकते हैं।
दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पीना ही चाहिए ताकि बॉडी हाइड्रेटेड रहे। स्कैल्प की सफाई के लिए हफ्ते में एक बार मुल्तानी मिट्टी, या दही और नींबू का मास्क लगाएँ – इससे ऑयल और डेड स्किन निकल जाएगी।
हेयर ब्रशिंग का टाइम भी मायने रखता है; गीले बालों में चौड़ा दांत वाला कंघा इस्तेमाल करें ताकि बाल कम टूटें। बालों को कसकर बाँधने से जितना हो सके बचें।
अगर स्ट्रेस रहता है तो 10 मिनट डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन आजमाएँ। यह न सिर्फ़ आपके मूड को सुधारता है, बल्कि आपके बालों की री-ग्रोथ की संभावनाएँ भी बढ़ाता है।
नुकसान का कारण | प्रभाव | बचाव का तरीका |
---|---|---|
प्रदूषण | बालों का कमजोर होना | टोपी/स्कार्फ व सप्ताह में दो बार शैम्पू |
हार्ड वॉटर | बाल रूखे | RO/फिल्टर्ड पानी से धोएं |
गंदा बिस्तर | फंगल इन्फेक्शन | हर हफ्ते कवर वगैरह बदलें |
डिहाइड्रेशन | बालों का सूखना | ज्यादा पानी पीएं |
स्ट्रेस | बाल झड़ना और समय से सफेद होना | रिलैक्सेशन अभ्यास |
बालों के लिए सही रूटीन और थोड़ी सजगता रोज़मर्रा की दिक्कतों का हल है। एक बैलेंस्ड लाइफस्टाइल और सिंपल घरेलू तरीके आपके बालों को कई गुना बेहतर बना देंगे, बस आपको अपनी आदतें पहचाननी होंगी।
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